Thursday, August 8, 2013

lesson 3 notes


  • सूखी और पहाड़ी श़ेत्र में मवेशियों की तुलना में भेड़ और बकरी अधिक सहजतापूर्वक  जीवित रह सकते है। 
  • सबसे पहले कुत्ते के जंगली पूर्वज को पालतू बनाया गया था। 
  • लोगों द्वारा पोधे उगाने और जानवरों  की  देखभाल  करने की प्रक्रिया को बसने की प्रक्रिया का नाम दिया गया बसने की प्रक्रिया 12000  साल पहले श्हुरु हुई। 
  • पुरातत्विदों  को शुरुआती करषकों और पशुपालकों के होने के साक्ष्य मिले है जो निम्न हैं-
  • गेहूं ,जो,भेड़ ,बकरी ,मवेशी ----मेहरगढ़ (आधुनिक पाकीस्तान)
  • चावल,जानवरों की हड्डियों के टुकड़े---कोलडिहवा (आधुनिक उतर प्रदेश )
  •  चावल ,मवेशी (मिटटी पर खुरों के निशान )--म्हागढ़ा (आधुनिक उतर प्रदेश )
  • गेहूं और दलहन --गुफ्र्काल (आधुनिक कश्मीर )
  • गेहूं और दलहन,कुत्ते,मवेशी,भैंस ,भेड , बकरी --बुर्जहोम (आधुनिक कश्मीर )
  • गेहूं ,हरे जो ,भेस ,बैल -चिरोंद (आधुनिक बिहार )
  • ज्वार -बाजरा ,मवेशी,भेड,बकरी,सूअर -हल्लूर (आधुनिक आंध्रप्रदेश )
  • काला चना ,ज्वार -बाजरा,मवेशी-पय्याम्प्ल्ली (आधुनिक आंध्रप्रदेश ). 
  • बूरजहोम (वर्तमान कश्मीर )के लोग गडहे के निशे घेर बनाते थे जिसे ग्र्त्वास कहा जाता है। 
  • कर्षक और पशुपालक समूह में रहते थे जिसे जनजाति कहते है। 
  • मेहरगढ़ इरान जाने वाले सबसे महत्वपूरण रास्ते ,बोलन दर्रे के पास एक हरा भरा समतल स्थान है
  • मेहरगढ़ में चोकोर व् आयताकार घर के भी अवशेष मिले हैं। 
  •  दाओजली हेडिंग चीन और म्यन्मार की और जाने वाले रास्ते में ब्रहमपुत्र की घाटी की एक पहाड़ी पर हैं  यहाँ खरल व् मूस्ल जैसे पत्थरों के उपकरण मिले है ,यहाँ से जडाईट  पत्थेर भी मिला है  संभवत यह पत्थर चीन से आया होगा। 
  • न्वपाषण  युग के सबसे प्रसिद्ध पुरस्थ्लों में एक च्ताल ह्यूक भी है जो तुर्की में है यहाँ सीरिया से लाया गया चकमक पत्थर ,लाल सागर की कोडिया और भूमध्य सागर की सीपियाँ का प्रयोग भी किया जाता है 
  • मेहरगढ़ में बस्ती का आरम्भ लगभग 8000 साल पहले हुआ। 

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