Friday, August 9, 2013

lesson 4 rth notes


  • हडप्पा पुरास्थल की खोज 150 साल पहले जब पंजाब में पहली बार रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी तब हुई जो अभी आधुनिक पकिस्तान में है, लगभग 80 साल पहले पुरातत्विदों ने इस स्थल को ढुंढा यह सबसे प्राचीन पुरास्थल है इन शरों का निर्माण लगभग 4700  साल पहले हुआ.
  •  हड़प्पा कालीन नगरों को मुख्यत 2 भागों में विभाजित किया गया है पश्चिमी भाग छोटा और ऊंचाई पर बना हुआ था ,जिसे पुरातत्विदों ने इसे नगर दुर्ग कहा है ,और पूर्वी भाग बड़ा तथा निचले हिस्से पर बना था जिसे निचला नगर कहा है। 
  • नगर दुर्ग में खास इमारते बनाई गई है जैसे मोहनजोदड़ों में खास तालाब बनाया गया था। जिसे पुरात्ताविदों ने महान्स्नानगर कहा है 
  • सोत्ककॊह  ,मोहनजोदड़ो ,सिन्धु नदी ,हद्दपा -आधुनिक  पाकिस्तान में हैं 
  • लोथल गुजरात में है.
  • सुरकोतदा  धोलावीरा चन्हुदड़ो ,गंवेरिवाला ,कालीबंगा -राजस्थान में है 
  • राखिगढ़ी -हरयाणा में  . 
  •  कालीबंगा और लोथल से अग्निकुंड  मिले हैं 
  • हड्ड्पा ,मोहनजोदड़ो ,और लोथल से बड़े-2 भंडार ग्रह  मिले हैं। 
  • मुहरों पर लिखने का काम लिपिक करते थे 
  • बांटो को चर्ट पत्थर से बनाया गया था। 
  • मनके कार्निलियन पत्थर से बनाये  गए थे। 
  • लगभग 7000 साल पहले मेहरगढ़ में कपास की खेती की जाती थी। 
  • फ़ेयन्स को क्रत्रिम पत्थेर से  तैयार किया जाता था
  • हड़प्पा के लोग  तांबे का आयात -राजस्थान (और पश्चिम एशियाई देश ओमान से  )
  • कांसे  बनाने की लिए तांबे में टिन का आयात ईरान और अफगानिस्तान से किया जाता था 
  • सोने का आयत कर्नाटक और बहुमूल्य पत्थर का आयात गुजरात ,ईरान और अफगानिस्तान से किया जाता था। 
  • कच्छ के इलाके में खदिर बेत के किनारे धोलावीरा बसा था यहाँ साफ़  पानी और जमींन उपजाऊ थी ,और यह तीन भागों में विभक्त था। 
  •  लोथल गुजरात की खम्बत की खाडि में मिलने वाली साबरमती उपनदी के किनारे पर बसा था। 
  • हड्डपा  सभ्यता का विनाश लगभग 3900  साल पहले हुआ। और लगभग 1400 या 2500  साल पहले नए नगरों का विकास हुआ 
  • दुनिया के इतिहास में शवों को दफनाने की परम्परा पर सबसे ज्यादा धन-दौलत कर्च किया जाता था। 

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