- आखेटक खाद्य संग्राहक -भोजन का इंतजाम करने की एक विधि के आधार पर इस नाम से पुकारा जाता है -वे जंगली जानवर का शिकार, मछली व् चिड़िया पकड़ना ,फल मूल ,दाने इकट्ठे करना का कम करते थे
- आखेटक खाद्य संग्राहक पत्थेर हडियों व् लकड़ियों के ओजार बनाते थे।
- (भीमबेटका ,हुस्गी,कुर्नुल की गुफ्फओं ) ये वे स्थान हैं जहाँ आखेटक खाद्य संग्राहक के होने के प्रमाण मिले है।
- भीमबेटका आधुनिक मध्य प्रदेश में स्थित है।
- आवासीय पुरास्थल की गुफफाएं विन्ध्य व् दक्कन के पर्वतीय इलाकों में मिलती हैं।
- जहाँ लोग पत्थरों से ओजार बनाते थे उन स्थानों को उधोग स्थल कहते हैं।
- पुरास्थल - उस स्थान को कहते हैं जहाँ ओजार ,बर्तन व् एसी इमारते जैसी वस्तुओ के अवशेष मिले है इन वस्तुओं का निर्माण लोगों ने अपने काम के लिए किया और बाद में वहीँ छोड़ गये।
- पाषाण ओजारो की निर्माण- दो तरीके -1 पत्थेर से पत्थेर टकराना ,2 दबाव शल्क तकनीक।
- आग की खोज -कुर्नुल गुफ्फाएं (आन्ध्र प्रदेश ) यहाँ से राख के अवशेष मिले हैं.
- आरंभिक काल को पुरापाषाण काल(2 ०,००,०००,से 12 ,००० ) कहते थे। मानव इतिहास की 99 % घटनाये इसी काल की हैं.
- मेसोलिथ (मध्यापाषण )12000 से 10000 साल तक माना गया है।
- मिक्रोलिथ यानि लघुपाषान (इस काल में हड्डियों या लकड़ियों के मुट्ठे लगे हंसिया और आरी मिलते थे ).
- नवपाषण काल की शुरुआत 10000 साल पहले से होती हैं
- शैल चित्रकला -मध्य प्रदेश और दक्षिणी उतेर प्रदेश की गुफ्फओं में चित्र मिले हैं।
- भारत में शुतुरमुर्ग -भारत में पुरापाषान युग में शुतुरमुर्ग होते थे ,महाराष्ट्र के पटने से शुतुरमुर्ग के अन्डो के अवशेष मिले हैं
- अण्डों के छिलकों पर चित्रांकन भिओ मिलता है
- अण्डों से मनके भी बनाए जाते थे।
- हुस्गी आधुनिक बंगलौर में स्थित है
Tuesday, August 6, 2013
6th lesson 2 history revision notes
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